भीलवाड़ा: कहते हैं अंधविश्वास का कोई उपचार नहीं होता है. इंसान अंधविश्वास में पड़ जाए तो वह अपनी जान तक की परवाह नहीं करता है. राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित आर्सीद थाना क्षेत्र में एक पुजारी के सिर पर भगवान बनने का भूत सवार हो गया. इसके लिए वह अपनी जान की परवाह किए बगैर समाधि पर बैठ गया. गनीमत रही कि पुलिस ने समय रहते उसे बचा लिया.
आसींद थाना क्षेत्र के कुराछो के खेड़ा गांव में नवरात्र पर एक मंदिर के भोपा (तांत्रिक) ने धार्मिक आस्था की बात कहते हुए जिंदा समाधि ले ली. देर रात सोशल मीडिया पर इसके वीडियो और फोटो वायरल होने पर पुलिस हरकत में आई. आसींद थानाधिकारी पुलिस बल के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे और भोपा को करीब सोलह घंटे के बाद समाधि से बेहोशी की हालत में बाहर निकाला. उसे आसींद अस्पताल में भर्ती कराया गया.

थानाधिकारी मनीष देव ने बताया कि कुराछो का खेड़ा गांव में तालाब के निकट माताजी का मंदिर है. मंदिर के तांत्रिक श्रवण खारोल ने धार्मिक आस्था बताते हुए बुधवार सुबह सात बजे 5 गुणा 5 साइज का गड्ढ़ा खुदवाया. मंत्रोच्चार के साथ ग्रामीणों की मौजूदगी में गड्ढ़े में बैठ गया. उसके बाद ग्रामीणों ने गड्ढे के उपर पट्टी रखी और उस पर मिट्टी डालकर उसे बंद कर दिया.

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इस समाधि से तीन दिन बाद तांत्रिक को बाहर निकालना था. इस बीच रात करीब साढ़े ग्यारह इसके वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर थानाधिकारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे. वहां समाधि स्थल के आसपास करीब 40-50 लोग सो रहे थे.

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पुलिसकर्मियों ने वहां पहुंच कर घटनाक्रम की जानकारी ली. उसके बाद गांव के प्रबुद्ध लोगों को बुलाकर लोगों की समझाइश की. उन्हें बताया कि हवा-पानी नहीं मिलने से अंदर जीवत रहना संभव नहीं है. ऐसे में तांत्रिक को बाहर निकाला जाए. इस पर ग्रामीणों ने सहमति दे दी. उसके बाद मिट्टी हटाकर तांत्रिक को बाहर निकाला. भोपा श्रवण अर्द्धचेतन हालत में था. उसे तत्काल पुलिस जीप से आसींद अस्पताल पहुंचाया. वहां देर रात तक इलाज किया जा रहा था. हालांकि भोपा देर रात तक बोलने की स्थिति में|
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