दिल्ली चुनाव के निकट आते ही जेएनयू बना वासेपुर January 05, 2020 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps बुरा मानो या भला, वामपंथ अब कट्टरवादी इस्लाम से भी भयानक रूप लेता जा रहा है। टुकड़े टुकड़े गैंग ने जो अराजकता फैलाई थी अब वो ट्रेंड बनती जा रही है। देश की राजधानी दिल्ली में जेएनयू के रूप में विरोधी पार्टियों को ऐसा अड्डा मिल गया है । जो किसी भी मुद्दे पर इनकी राजनीति चमकाने का काम कहीं भी "एट एनी टाइम" फैलाने का काम कर रहे है। ना बाहर से बसों से भरकर भीड़ लाने की टेंशन रही ना गुंडे बुलाने की । फीस व्रद्धि को लेकर जेएनयू के छात्रों का विरोध सही था , लेकिन दिल्ली चुनाव देखते हुए उस विरोध प्रदर्शन को भी विरोधी पार्टी के इशारे पर हाईजैक कर लिया गया । और उसका फायदा मिला भी उन्हें । लेकिन जो सही में छात्र थे वो कठपुतली बनकर रह गए । कश्मीर के बाद जेएनयू को एक तरह से राजनीति , अराजकता , गुंडई का केंद्र बना दिया गया है । एक फोन करो और तुंरत दिल्ली की सड़कें जाम । तुंरत आगजनी और तोड़फोड़। अब कल जो मारपीट हुई उसमे भी राजनीति शुरू हो गयी । मुम्बई के सो काल्ड अभिनेताओं से लेकर राजनीति में नाकाम योगेंद्र यादव जैसे लोगो ने राजनीतिक रोटियां सेंकनी शुरू कर दी । शोशल मीडिया पर फर्जी ग्रुप चैट के स्क्रीन शाट्स दौड़ने लगे । भाजपा की छात्र इकाई एबीवीपी पर हमला करने का आरोप एक सुर में लगाया गया । लेकिन इस बार ये आरोप उन्ही पर उल्टा साबित होगा । क्योंकि ये लड़ाई केम्पस के अंदर की है। वासेपुर बन चुका है जेएनयू । उग्र मानसिकता और विचारधारा से भरे वामपंथी अब वैम्पायर बन चुके है। इनका लक्ष्य है कि सब उन्ही की तरह देश मे , राजधानी में आग लगाई , दंगाई करे । वरना इसी तरह से मारपीट और बवाल वो आये दिन करेंगे । केम्पस में सही में पढ़ने आये छात्रों से मुझे सहानभूति है । जो इस एजंडे का शिकार हो रहे है । 2 दिन में तस्वीर साफ हो जाएगी , एबीवीपी के छात्र इतने क्रूर और कट्टर नही हो सकते । इतिहास गवाह है , और भविष्य बताएगा! Comments
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