JNU में गुंडागर्दी की हद पार हो गई, एम्बुलेंस तक पर हमला कर दिया January 05, 2020 Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU). 5 जनवरी की रात यहां मास्क पहने कुछ गुंडों ने जमकर तोड़-फोड़ मचाई. डंडे और लाठियों से स्टूडेंट्स और टीचर्स को पीटा. इस वारदात में करीब 28 लोग घायल हुए. इन लोगों में जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल हैं. घायलों के इलाज के लिए एम्स और दिल्ली के बाकी अस्पतालों के डॉक्टर्स यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंचे थे. वो जिस एंबुलेंस से आए थे, गुंडों ने उसे भी नहीं छोड़ा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब एंबुलेंस JNU कैंपस में एंट्री कर रही थी, उस वक्त कई सारे लोगों ने एंट्रेंस गेट पर उसके ऊपर हमला किया. हमला करने वाले लोगों ने मास्क पहने हुए थे. एंबुलेंस की खिड़की तोड़ी गई और उसमें बैठे डॉक्टर्स को भी बाहर निकालने की कोशिश की गई. ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, महर्षि वाल्मीकि अस्पताल के जनरल सर्जन प्रवीण का कहना है, ‘मास्क पहने 100 गुंडों ने एंबुलेंस पर हमला किया. उन्होंने पत्थर फेंके और लाठियां चलाईं. हम लोग उस वक्त कैंपस में प्रवेश कर रहे थे. तब ये हमला हुआ. भीड़ ने खिड़कियां तोड़ीं और एक डॉक्टर को बाहर निकालने की कोशिश भी की.’ एक महिला डॉक्टर ने बताया कि जिन लोगों ने हमला किया था, उनके चेहरे भले ही नहीं दिख रहे थे, लेकिन उन्हें देखकर पता चल रहा था कि उन सबने नशा किया था. उनके पास से अल्कोहल की बदबू आ रही थी. गुंडों ने डॉक्टर्स का मोबाइल फोन छीनने की भी कोशिश की. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ गुंडों ने एंबुलेंस के टायर्स भी पंक्चर कर दिए थे. इनमें से बहुत से लोग ‘नक्सलवाद मुर्दाबाद’ और ‘न माओवाद, न नक्सलवाद, सबसे ऊपर राष्ट्रवाद’ के नारे लगा रहे थे. कैंपस के गेट के बाहर ही एंबुलेंस और डॉक्टर्स के ऊपर हमला हुआ. वो भी, तब जब वहां पुलिस की गाड़ियां खड़ी थीं और बैरिकेडिंग थी. Comments
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